India- China Disengagement News: LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते के बाद भारत और चीन की सेनाओं के बीच डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया शुरू हो गई है। दोनों देशों की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख सीमा से पीछे हटना शुरू हो गई हैं। सेनाएं 2020 से पहले की स्थिति में वापस आएंगी। इस बीच, पूर्वी लद्दाख से डिसइंगेजमेंट की सैटेलाइट तस्वीरें भी सामने आई है।
भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और डेपसांग मैदानी क्षेत्रों में टकराव वाले दो बिंदुओं से सैनिकों की वापसी शुरू कर दी है। प्रक्रिया 28-29 अक्टूबर तक पूरी होने की संभावना है।
सामने आई सैटेलाइट तस्वीरें…
US-आधारित मैक्सर टेक्नोलॉजीज द्वारा जारी की गई सैटेलाइट तस्वीरों में साफ तौर पर देखने मिल रहा है कि पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में डिसइंगेजमेंट शुरू हो चुकी है। इन तस्वीरों से देपसांग में कई सैन्य ढांचों के हटने की पुष्टि हुई। क्षेत्र में सीमा विवाद के दौरान लगाए गए कई बड़े ढांचे और शेल्टर्स को हटा लिया गया है।
अगस्त में भी इन क्षेत्रों से कुछ तस्वीरें सामने आई थीं, जिसमें इन जगहों पर बड़े ढांचे देखे गए थे। हालांकि अब शुक्रवार (25 अक्टूबर) की तस्वीरों में ये ढांचे नजर नहीं आ रहे हैं। इससे साफ हो गया है कि डिसएंगेजमेंट शुरू हो चुकी है। डेमचोक क्षेत्र में भी बदलाव देखने को मिले। यहां भी अस्थायी टेंट और गाड़ियों को हटाया गया है।
अप्रैल 2020 से पहले वाली स्थिति में वापस आएंगी सेनाएं
सैन्य सूत्रों के मुताबिक सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद टकराव वाले दोनों बिंदुओं पर गश्त शुरू होगी। दोनों पक्ष अपने-अपने सैनिकों को हटाकर अस्थायी ढांचों को नष्ट कर देंगे। गश्त का स्तर अप्रैल 2020 से पहले के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है।
4 साल बाद सुधरे हालात
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच साल 2020 से सीमा विवाद चला आ रहा था। जून 2020 में गलवान में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प भी हुई थी। इसके बाद से देपसांग और डेमचोक में तनाव बना हुआ था। अब करीब 4 सालों के बाद भारत-चीन के बीच पेट्रोलिंग को लेकर बड़ा समझौता हुआ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि इस समझौते का मकसद लद्दाख में गलवान जैसी झड़प रोकना और पहले जैसे हालात बनाना है।
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