Arvind Kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल 177 दिनों के बाद दिल्ली की तिहाड़ जेल से बाहर आए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री के न्यू एक्साइज पॉलिसी के केस में जमानत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को सशर्त जमानत दी है। दिल्ली के शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद केजरीवाल जेल से बाहर आए हैं। केजरीवाल ने जेल से छूटते ही अपने समर्थकों को संबोधित किया।
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा, ‘मैंने जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है। बहुत बड़े-बड़े संघर्ष किए, जिंदगी में बहुत मुसीबतें झेली हैं लेकिन हर कदम पर भगवान ने मेरा साथ दिया। ऊपर वाले ने मेरा साथ दिया क्योंकि मैं सच्चा था, मैं सही था… इन लोगों ने मुझे जेल में डाल दिया। इन लोगों को लगा कि केजरीवाल को जेल में डाल देंगे तो केजरीवाल के हौसले टूट जाएंगे।’
मेरे हौसले अब सौ गुना ज्यादा बढ़ गएः केजरीवाल
केजरीवाल ने आगे कहा, ‘आज मैं आपको कहना चाहता हूं कि मैं जेल से बाहर आया हूं, मेरे हौसले 100 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं, मेरी ताकत 100 गुना ज्यादा बढ़ गई है… इनकी जेल की सलाखें केजरीवाल के हौसले को कम नहीं कर सकती। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जैसे आज तक ऊपर वाले ने मुझे रास्ता दिखाया, मुझे ताकत दी, ऐसे ही मुझे रास्ता दिखाता रहे, मैं देश की सेवा करता रहूं और ये जितनी भी राष्ट्र विरोधी ताकतें हैं… जो देश को बांटने का काम कर रही हैं, देश को अंदर से कमजोर करने का काम कर रही हैं, जिंदगी भर मैं इनके खिलाफ लड़ा हूं और ऐसे ही लड़ता रहूंगा।’
सुप्रीम कोर्ट ने दी सशर्त जमानत
अरविंद केजरीवाल की रिहाई को आम आदमी पार्टी बड़ी जीत बता रही है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की दो याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए 10 लाख रुपये के मुचलके और दो जमानत राशियों पर सशर्त जमानत दे दी है। देश की शीर्ष अदालत ने अरविंद केजरीवाल को मामले के संबंध में सार्वजनिक रूप से कोई भी टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया है। CBI द्वारा अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को गलत बताते हुए न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां ने जांच एजेंसी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उसे पिंजरे में बंद तोते की धारणा को खत्म करना चाहिए। केजरीवाल को जमानत देते समय एक अलग फैसला लिखते हुए न्यायमूर्ति भुइयां ने CBI द्वारा मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाए और कहा कि उसका उद्देश्य ED के मामले में उन्हें मिली जमानत को रोकना था।
दिल्ली की न्यू एक्साइज पॉलिसी में अब तक किस-किसको बेल?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ जमानत दी है। केजरीवाल 10 लाख के बेल बॉन्ड पर बाहर आए हैं। वो केस पर किसी तरह की सार्वजनिक टिप्पणी नहीं कर सकते, सीएम दफ्तर नहीं जा सकेंगे, शराब घोटाले के गवाहों से नहीं मिल सकेंगे, शराब नीति से जुड़ी फाइलों को अपने पास नहीं मंगा सकेंगे और सीएम के तौर पर कोई फाइल साइन नहीं कर सकेंगे। इस मामले में कई नेता जेल में थे, जिन्हें एक-एक कर जमानत मिल गई है।
संजय सिंह- 6 महीने बाद जेल से बाहर (2 अप्रैल को जमानत)मनीष सिसोदिया- 6 महीने बाद जेल से बाहर (9 अगस्त को जमानत)के. कविता- 5 महीने बाद जेल से बाहर (27 अगस्त को जमानत) विजय नायर- 23 महीने बाद जेल से बाहर (2 सितंबर को जमानत)अरविंद केजरीवाल- 13 सिंतबर को जमानत
5 सितंबर को फैसला रख लिया गया था सुरक्षित
इसके पहले दिल्ली की नई आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्वल भुइयां ने 5 सिंतबर को ही अरविंद केजरीवाल की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार (13 सितंबर) को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से अपना फैसला सुना दिया। बेल मिलने के बाद कोर्ट का ऑर्डर जैसे ही तिहाड़ जेल पहुंचा तो, सीएम केजरीवाल को (Kejriwal Tihar Jail Release) तिहाड़ से रिहा कर दिए गए। इस दौरान आम आदमी पार्टी के नेता उन्हें रिसीव करने के लिए जेल के बाहर मौजूद रहे। केजरीवाल की पत्नी सुनीता भी तिहाड़ के बाहर मौजूद रहीं।