केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को पश्चिम बंगाल के लोगों से 2026 के विधानसभा चुनावों में बदलाव लाने का आह्वान करते हुए कहा कि बांग्लादेश से सीमा पार घुसपैठ बंद होने पर ही राज्य में शांति स्थापित की जा सकती है।
पश्चिम बंगाल में पेट्रापोल भू पत्तन पर एक नए यात्री टर्मिनल भवन और एक ‘मैत्री द्वार’ के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पश्चिम बंगाल के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।
शाह ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में 2026 में बदलाव लाएं। हम घुसपैठ पर रोक लगाएंगे और राज्य में शांति सुनिश्चित करेंगे।’’ उन्होंने यह भी कहा, ‘‘क्षेत्र में शांति स्थापित करने में भू पत्तन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब सीमा पार लोगों की वैध आवाजाही की कोई गुंजाइश नहीं होती है, तो आवाजाही के अवैध तरीके सामने आते हैं, जिसका असर देश की शांति पर पड़ता है। घुसपैठ रुकने पर ही बंगाल में शांति आ सकती है।’’
शाह ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंध तथा संपर्क सुधारने में भूमि बंदरगाह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध भी बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सत्ता में आने के बाद से स्वास्थ्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कई कदम उठाने शुरू किए।
केंद्रीय मंत्री ने दावा किया, ‘‘लेकिन बंगाल के लोगों को स्वास्थ्य क्षेत्र में दिए फायदों से वंचित कर दिया गया। यह अभाव 2026 से बंद हो जाएगा।’’ उन्होंने ‘‘भ्रष्टाचार’’ के मुद्दे पर राज्य में तृणमूल कांग्रेस सरकार की आलोचना की।
शाह ने आरोप लगाया कि केंद्र द्वारा पश्चिम बंगाल को भेजी गयी निधि का एक बड़ा हिस्सा राज्य में ‘‘भ्रष्टाचार के कारण हड़प लिया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में अच्छे दिन 2026 से शुरू होंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने अपने शासन के दौरान पश्चिम बंगाल को जो दिया था, उसकी तुलना 2014 के बाद से राजग के 10 वर्ष के कार्यकाल से करें। संप्रग सरकार के दौरान राज्य को मनरेगा के तहत 15,000 करोड़ रुपये मिले थे लेकिन राजग सरकार के दौरान यह बढ़कर 54,000 करोड़ रुपये हो गया। राजग प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं के तहत राज्य को और निधि दे रही है।’’
शाह ने आरोप लगाया कि लाभार्थियों के पास जाने के बजाए ‘‘पैसा तृणमूल नेताओं के पास जाता है।’’ पश्चिम बंगाल के पेट्रापोल में आधुनिक भूमि बंदरगाह स्टेशन के बारे में शाह ने कहा कि ‘लैंड पोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया’ (एलपीएआई) ने देश के पड़ोसियों के साथ संबंध सुधारने के लिए कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के नेतृत्व में चार ‘पी’ (प्रोस्पेरिटी, पीस, पार्टनरशिप और प्रोग्रेस) को सीमाओं पर महत्ता दी जाती है। यह आधुनिक भू पत्तन मित्रता के नए युग की शुरुआत करेगा और तस्करी भी रोकेगा। भारत और बांग्लादेश के बीच 70 प्रतिशत से अधिक सीमा व्यापार पेट्रापोल के जरिए होता है।’’
पेट्रापोल में भू पत्तन दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा भू पत्तन है तथा भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार और वाणिज्य के लिए एक महत्वपूर्ण प्रवेश द्वार है। शाह ने कहा कि 2023-24 में सीमा पार व्यापार की मात्रा 30,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गई और दोनों ओर से 24 लाख लोग सीमा के आर पार आ जा चुके हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘बेहतर परिवहन से व्यापार बढ़ेगा। लोगों के बीच संपर्क भी बढ़ेगा और एलपीएआई इस दिशा में काम कर रहा है। आव्रजन, सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा को एक छत के नीचे लाया गया है।’’ उन्होंने कहा कि देशभर में 23 नए भू पत्तन भी बनाए जाएंगे।