संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि देशों की सरकारों ने जिन नए जलवायु संकल्पों को व्यक्त किया है, उनसे इस सदी के दौरान बढ़ते वैश्विक तापमान में केवल मामूली गिरावट ही दर्ज किए जाने की सम्भावना है. इससे दुनिया के समक्ष मौजूद जलवायु चुनौतियों और उनसे होने वाली क्षति का जोखिम और गहरा हो सकता है.