क्या दुनिया को चलाने के लिए कोई दूसरी व्यवस्था भी हो सकती है? और इतने बड़े पैमाने पर चुनौतियों व संकटों के इस दौर में, हम भविष्य को किस प्रकार से न्यायसंगत बना सकते हैं? इसी सितम्बर महीने में, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में एक अहम आयोजन हो रहा है, जिसे किसी पीढ़ी में एक बार आने वाले अवसर के रूप में देखा जा रहा है. अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के पास यह एक मौक़ा है, ऐसे ही कुछ सवालों से जूझने का, और सभी के हित में भविष्य के लिए एक नया पथ तैयार करने का.