
हर वर्ष 5 जुलाई को मनाया जाने वाला अन्तरराष्ट्रीय सहकारी दिवस इस ओर ध्यान आकर्षित करता है कि सहकारी समितियाँ उन परिस्थितियों में भी लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने में किस तरह सहायक होती हैं, जहाँ अकेले प्रयास करना पर्याप्त नहीं होता. दुनिया में इस समय लगभग 30 लाख सहकारी समितियाँ सक्रिय हैं जिनसे कुल मानव आबादी का लगभग 12 प्रतिशत हिस्सा जुड़ा हुआ है. भारत में भी सहकारिता आन्दोलन, कमज़ोर वर्गों की आर्थिक प्रगति में काफ़ी सक्रिय रहा है.