
Order to Shoot Wolf on Sight: उत्तर प्रदेश के वन राज्य मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि भेड़ियों को मारने का आदेश गलत नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी डीएफओ (वन अधिकारी) को नहीं हटाया गया है। अब तक 6 में से 4 भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है लेकिन 2 भेड़िये अब भी पकड़ से बाहर हैं और हमलों को अंजाम दे रहे हैं।
वन राज्य मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कहा है कि, ‘अगर उन्हें नहीं पकड़ा जा सका, तो मार दिया जाएगा।’ साथ ही लापरवाही करने वालों को सख्त चेतावनी दी गई है। अरुण सक्सेना जिस दिन शिकारी की जानकारी मिली, उसी दिन वह मौके पर पहुंच गए थे।
बहराइच में रात के 12 बजे मासूम पर हमला
बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी है कि हर कोई दहशत में जी रहा है। शाम ढलते ही हर व्यक्ति पर हमला होने का डर बना रहता है। अमावस की रात को भेड़िये और भी खतरनाक हो जाते हैं और ऐसा ही कुछ हुआ 2 सितंबर की रात को, 12 बजे जब सोमवती अमावस्या की रात एक मासूम पर हमला किया गया। तो बच्ची ने चीख-पुकार मचाई, जिससे भेड़िया उसे छोड़कर भाग गया और उसकी जान बच गई।
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अमावस की रात बढ़ी आदमखोर भेड़ियों की भूख
2 सितंबर की रात, सोमवती अमावस्या पर पंढुईया गांव में एक 5 साल की बच्ची पर भेड़िए ने हमला किया। बच्ची अपनी दादी के साथ सो रही थी, जब रात 12 बजे के आसपास भेड़िया हमला कर भागने लगा। बच्ची के शोर मचाने पर गांव वाले जाग गए और भेड़िया उसे छोड़कर भाग गया। बच्ची के शरीर पर नाखून और दांतों के निशान मिले। सुबह यह खबर विधायक सुरेश्वर सिंह तक पहुंची, जिन्होंने परिवार से मुलाकात कर सुरक्षा का आश्वासन दिया।
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अंधेरे का फायदा उठाते हैं भेड़िए
सोमवती अमावस्या की रात घने अंधेरे का फायदा उठाकर भेड़िये और भी आक्रामक हो जाते हैं। बहराइच में अब तक भेड़ियों के हमलों से 11 लोगों की जान जा चुकी है और 35 गांवों के लोग दहशत में हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब यहां रात बिताना खौफनाक हो गया है।
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अमावस की रात को क्यों होते हैं भेड़िए खूंखार
धार्मिक मान्यता के अनुसार अमावस की रात को आसुरी शक्तियों के साथ हिंसक जानवर भी उग्र हो जाते हैं। यही कारण है कि भेड़िये अमावस्या की रात को ज्यादा खूंखार हो जाते हैं। इसी तरह की धार्मिक मान्यता इन दिनों चर्चा में बनी हुई है जिससे लोगों में और डर बढ़ता जा रहा है।
इंसानों की गंध सूंघकर शिकार करते हैं भेड़िए
आदमखोर भेड़िए अपनी तेज सूंघने की क्षमता के जरिए इंसानों की गंध पहचानकर शिकार की जगह ढूंढ लेते हैं। वे खासतौर पर छोटे बच्चों को अपना शिकार बनाते हैं, ऐसे में इन 35 गांवों के लोग डर के साय में जी रहे हैं। लोग ग्रुप में निकलने के लिए मजबूत है ताकि उनपर हमला न हो जाए और अपने छोटे बच्चों को छिपा कर रखा रहे हैं।
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