
Diwali 2024: खुशियों के त्योहार दिवाली ( Diwali ) पर देश-विदेश में अलग ही माहौल देखने को मिल रहा है। भारत का ऐसा कोई कोना नहीं है, जो रोशनी से न जगमगा रहा हो। हर तरफ रौनक दिखाई दे रही है, लेकिन दिवाली पर इस बार दिल्ली के गुरुद्वारे नहीं जगमगाएंगे।
दरअसल इस बार दिल्ली के गुरुद्वारों में दिवाली जैसे मौके पर लाइटिंग नहीं की जाएगी, जिसके पीछे बड़ी वजह है। दरअसल 1984 सिख कत्लेआम की वर्षगांठ के कारण दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) ने ये फैसला लिया है। DSGMC ने इस बार बंदी छोड़ दिवस और दिवाली पर दिल्ली के गुरुवारों में दीपमाला यानि लाइटों से साज-सजावट न करने का फैसला किया है।
क्या बोले DSGMC के पदाधिकारी?
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका और महासचिव सरदार जगदीप सिंह काहलों ने घोषणा की है कि इस साल बंदी छोड़ दिवस और दिवाली के मौके पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के तहत आने वाले गुरुद्वारों में दीपमाला नहीं की जाएगी।
कालका और सरदार काहलों ने एक बयान में कहा कि हर साल 31 अक्टूबर से 2 नवंबर तक हम 1984 के सिख कत्लेआम के शहीदों को नमन करते हैं और श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उन्होंने कहा कि इस साल बंदी छोड़ दिवस और दिवाली का त्योहार इन दिनों में आ गया है, इसलिए फैसला किया गया है कि DSGMC के गुरुद्वारों में दीपमाला नहीं की जाएगी।
DSGMC प्रबंधकों ने सिखों से भी अपील की है कि वो 1984 के सिख नरसंहार के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए अपने-अपने घरों में भी दीपमाला न करें। उन्होंने कहा कि हमें अपने शहीदों को नमन करना बहुत जरूरी है, इसलिए ये फैसला लिया गया है। बता दें कि गुरुद्वारा बंगला साहिब, चांदनी चौक का शीशगंज साहिब गुरुद्वारा और रकाबगंज साहिब समेत दिल्ली के ऐसे कई बड़े गुरुदारे हैं, जो DSGMC के तहत आते हैं। आमतौर पर दिवाली के मौके पर ये गुरुद्वारे जगमगाते हुए नजर आते हैं।
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