Yuvraj Singh NGO Cancer Awareness: भारतीय टीम के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर युवराज सिंह के नाम से भला कौन परिचित नहीं होगा? युवराज वो शख्स हैं जिन्होंने टीम इंडिया को एक नहीं बल्कि दो-दो बार विश्व विजेता बनाया। इतना ही नहीं साल 2011 के 50 ओवर वाले विश्वकप में तो प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी रहे। 2007 के टी20 विश्वकप में भी टीम इंडिया को विश्वविजेता बनाने में युवराज का अहम रोल था। साल 2011 के विश्व कप जीतने के बाद युवराज सिंह को क्रिकेट से ब्रेक लेना पड़ा था। कैंसर के चलते युवराज सिंह इलाज के लिए विदेश चले गए थे जिसके चलते क्रिकेट से उनकी दूरियां हो गई थीं। हालांकि युवराज ने वापसी की कैंसर से भी जंग जीती और टीम इंडिया में भी वापसी की।
युवराज सिंह ने कैंसर जागरुकता के लिए अपना एक एनजीओ YouWeCan खोला है जिसपर वो लगातार जागरुकता अभियान चलाते रहते हैं। युवराज सिंह का YouWeCan एनजीओ देश में कैंसर से संघर्ष कर रहे लोगों की मदद करता है और उनके बीच कैंसर को लेकर जागरुकता अभियान भी चलाता है। युवराज सिंह के एनजीओ YouWeCan ने अभी हाल में ही महिलाओं के ‘ब्रेस्ट कैंसर’ अवेयरनेस के लिए एक नया कैंपेन चलाया है। इस कैंपेन का विज्ञापन दिल्ली मेट्रो ऐड शेयर किया, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर विवाद शुरू हो गया है।
दिल्ली मेट्रो में NGO का विवादित कैंसर अवेयरनेस एड
हमने अक्सर ऐसा देखा है कि जब कोई एनजीओ या संस्था किसी बात को लेकर लोगों में जागरुकता अभियान शुरू करता है तो इसके लिए वो अलग-अलग तरह से क्रिएटिविटी करता है। ऐसे कैंपेन के लिए नई-नई क्रिएटीविटी की जाती है ताकि ये लोगों की जेहन तक पहुंचकर अपना संदेश दे सके। अब युवराज सिंह के एनजीओ यूवीकैन ने एक ऐसा ही अभियान महिलाओं के ‘ब्रेस्ट कैंसर’ को लेकर दिल्ली मेट्रो में चलाया है। इस विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर घमासान छिड़ गया है।
क्या है विज्ञापन में, जिससे छिड़ गया घमासान?
युवराज सिंह के एनजीओ यूवीकैन ने दिल्ली मेट्रो में ‘ब्रेस्ट कैंसर’ को लेकर एक विज्ञापन लगाया है। इस विज्ञापन में कुछ महिलाएं हाथ में संतरा लेकर खड़ी होती हैं। इस विज्ञापन के नीचे लिखा है, ‘चेक योर ऑरेंजेस वन्स इन मंथ’। इस विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। कई महिलाओं ने इसका विरोध भी किया है। देखते ही देखते ये विज्ञापन सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। इस विज्ञापन को लेकर लोग सोशल मीडिया पर अपनी राय भी व्यक्त कर रहे हैं। कुछ लोग इसे असंवेदनशील बता रहे हैं तो कुछ लोग ने देश की सभी महिलाओं से माफी मांगने की सलाह तक दे दी। इस विज्ञापन में महिलाओं के ब्रेस्ट की तुलना ऑरेंजेस से की गई है।
सोशल मीडिया यूजर प्रोफेसर पूजा प्रियंवदा लिखती हैं, ‘प्रिय @युवराज सिंह फाउंडेशन! युवराज सिंह व्यक्तिगत कैंसर से पीड़ित रहे हैं। आप जमीनी स्तर पर जो काम कर रहे हैं वो प्रेरणादायक है, कृपया भगवान के लिए अपनी विज्ञापन एजेंसी बदल दें! आपको उस अभियान को बंद करने और पीड़ितों, पीड़ितों के परिवारों और सभी महिलाओं से सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने की ज़रूरत है। बाद में मुझे धन्यवाद दें!’
@vijivenkatesh नाम की सोशल मीडिया यूजर अपने एक्स प्लेटफॉर्म पर युवराज सिंह के एनजीओ के विज्ञापन का फोटो शेयर करते हुए लिखती हैं, ‘क्या आप का दिमाग सही है? जो भी इस असंवेदनशील, आपत्तिजनक और पूरी तरह से घृणित अभियान के लिए जिम्मेदार है, वह चुपचाप बैठ जाए!’ इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर इस विज्ञापन को लेकर कई और लोगों ने भी तरह-तरह के कमेंट्स किए हैं।