Sri Kartarpur Sahib Corridor Agreement: विदेश मंत्री एस. जयशंकर की कोशिशों के बाद चीन के सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से पीछे हटने को तैयार हो गए हैं और बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात होनी है। इसी बीच पाकिस्तान से भी भारत के लिए खुशखबरी आई है। श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच समझौते को 5 साल के लिए रिन्यू किया है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर साहिब कॉरिडोर को लेकर राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत हुई है। पाकिस्तान में स्थित श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा सिख समुदाय के लिए बहुत पवित्र स्थान है। करतारपुर साहिब कॉरिडोर के रास्ते से भारत के हजारों सिख श्रद्धालु श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा में हर साल पाकिस्तान जाते हैं।
सेवा शुल्क भी हो सकता है खत्म
भारत के सिख श्रद्धालु करतारपुर कॉरिडोर से होकर ही गुरुद्वारा दरबार साहिब में जाकर मत्थ टेकते हैं। दोनों देशों के बीच यह समझौता 24 अक्टूबर, 2019 को हुआ था। यह समझौता 5 सालों के लिए था। जिसे अब अगले 5 सालों के लिए बढ़ा दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि प्रति तीर्थयात्री पाकिस्तान द्वारा लगाए गए 20 अमेरिकी डॉलर सेवा शुल्क को हटाने के संबंध में भी निवेदन किया गया है। भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान से तीर्थयात्रियों पर कोई शुल्क नहीं लगाने का आग्रह किया है।
गुरु नानक देव ने बिताया अंतिम समय
उल्लेखनीय है कि श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पाकिस्तान की सीमा में स्थित है। मान्यता है कि दरबार साहिब में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन का अंतिम समय बिताया था। 1539 में श्री गुरु नानक ने 22 सितंबर को करतारपुर में अंतिम सांस ली थी। करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान में गुरुद्वारा दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा से जोड़ता है। नवंबर, 2019 में यह गलियारा खोला गया था।
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