
Tallest Ravana: विजयादशमी के पावन अवसर पर देशभर में बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने के लिए रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। हर साल की तरह इस बार भी रावण के विशालकाय पुतलों का निर्माण किया गया है, जो अलग अलग जगह पर आज (12 अक्टूबर) शाम को जलाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब और मध्य प्रदेश तक कई शहरों में रावण के पुतले तैयार किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में 100 फीट ऊंचे, जबकि पंजाब के लुधियाना में 120 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन होगा। वहीं, मध्य प्रदेश के भोपाल में 105 फीट ऊंचा पुतला तैयार किया गया है।
देशभर में दशहरा की धूम देखने को मिल रही है, रावण के पुतले को जलता हुआ देखने के लिए लोग बेहद उत्साहित नजर आते हैं। राजधानी दिल्ली की बात करे तो यहां द्वारका सेक्टर 10 में सबसे ऊंचे पुतले का निर्माण किया गया है, जो शाम को जलाया जाएगा। रावण दहन की यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और आज भी लोग इसे पूरी आस्था और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
यूपी और पंजाब में सबसे बड़ा रावण का पुतला
उत्तर प्रदेश के नोएडा में विजयादशमी के अवसर पर 100 फीट ऊंचे रावण का पुतला तैयार किया गया है, जिसका दहन शाम को होगा। वहीं, पंजाब के लुधियाना में 120 फीट ऊंचा पुतला बनाया गया है, जो राज्य में सबसे ऊंचा है। इसके साथ ही, चंडीगढ़ में 101 फीट ऊंचे रावण का दहन भी किया जाएगा।
मध्य प्रदेश और बाकी राज्यों में भी बनाया बड़ा पुतला
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 105 फीट ऊंचे रावण का पुतला तैयार किया गया है, जहां हजारों लोग इस आयोजन में हिस्सा लेंगे। राजस्थान के जयपुर में विद्याधरनगर स्टेडियम में रावण दहन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, जबकि उदयपुर में रावण के साथ मेघनाद और कुंभकरण के भी पुतले बनाए गए हैं।
ANI
दक्षिण भारत और जम्मू-कश्मीर में भी उत्सव
दशहरे का यह उत्सव दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत तक बड़े पैमाने पर मनाया जा रहा है। हरिद्वार में भी आज शाम रावण दहन होगा, जबकि जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एसके स्टेडियम में 30 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। वहीं, पश्चिम बंगाल में भी दशहरा के अवसर पर कोलकाता में रावण दहन की तैयारियां जोरों पर हैं।
बुराई पर अच्छाई की विजय का जश्न
इस पावन अवसर पर देशभर में लोग रावण दहन के लिए इकट्ठा होते हैं और बुराई पर अच्छाई की इस विजय का जश्न मनाते हैं। विजयादशमी का यह त्योहार न सिर्फ धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
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