
New Delhi: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में मिडिल क्लास को लेकर बड़ा ऐलान किया है। रिपब्लकि के पॉडकास्ट में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कहा है कि उन्होंने देश के मिडिल क्लास जनता की आवाज सुनी है और भविष्य में उनके लिए कुछ करेंगी। बता दें, केंद्रीय मंत्री मोदी सरकार के 3.0 के 100 दिन पूरे होने पर रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी से खास बातचीत की।
बातचीत के दौरान जब उनसे ये पूछा गया कि वह मिडिल क्लास के साथ सख्त क्यों हैं, टैक्स को लेकर उन्हें कब राहत मिल सकती है क्योंकि वे कॉरपोरेट्स की तुलना में अधिक Tax देते हैं और यह भी देखा गया है कि सरकार के पर्सनल टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी देखी गई है। इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उन्होंने मध्यम वर्ग की आवाज सुनी है। सरकार फेसलेस अनुपालन के माध्यम से अनुपालन को आसान बनाने के साथ आई है।
एंजल टैक्स हटाने से स्टार्टअप्स को मिलेगी मदद: FM सीतारमण
उन्होंने कहा कि हाल ही में जुलाई में पेश बजट में सरकार ने दूसरी कर व्यवस्था लागू की है, जिसमें एक वर्ष के भीतर करों की नई व्यवस्था और घटी हुई दरें शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने एंजल टैक्स हटा दिया है जिससे स्टार्टअप्स को मदद मिलेगी, इनकम टैक्स छूट की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 750,000 रुपये कर दी गई है और वे किफायती आवास पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
क्या टैक्स में मिडिल क्लास को मिलेगी राहत?
वित्तमंत्री से जब यह पूछा गया कि क्या मिडिल क्लास टैक्स में कब कुछ राहत की उम्मीद कर सकती है, इसपर केंद्रीय मंत्री ने कहा, “… हर बजट में हम कुछ न कुछ करते रहते हैं… केवल अब अगर मैं कह सकती हूं कि अर्नब हां, कृपया मेरी बात मानिए, मैं मध्यम वर्ग के लिए कुछ करूंगी…लेकिन मैं नहीं कर सकती।”
क्या पेट्रोल की कीमतों में मिलेगी राहत?
वित्तमंत्री सीतारमण ने पेट्रोल की कीमतों में राहत को लेकर कहा, “मोदी सरकार ने जब भी मौका मिला, आम आदमी को राहत दी है। उन्होंने कीमतें कम की हैं और कई राज्यों, खासकर भाजपा शासित राज्यों ने कीमतों में और कटौती की है। हालांकि, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु जैसे मुफ्त बांटने वाले राज्यों ने अपने बजट खत्म कर लिए और पेट्रोल की कीमतों में उतनी राहत नहीं दी जितनी अन्य दे सकते थे।”
उन्होंने आगे कहा कि अतीत में दो ऐसे उदाहरण रहे हैं जब मोदी सरकार ने पेट्रोल की कीमतों में बड़ी कमी की घोषणा की और कई राज्यों ने भी इसका पालन किया, जिससे आम आदमी को राहत मिली, खासकर ऐसे समय में जब दुनिया महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध का सामना कर रही थी।
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